नेपाल में राजतंत्र बहाली को लेकर हिंसक प्रदर्शन, दो की मौत, कर्फ्यू लागू
काठमांडू में उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
काठमांडू : नेपाल। नेपाल में राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर शुक्रवार को राजधानी काठमांडू में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 22 से अधिक लोग घायल हो गए। हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने पांच क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया और सेना को तैनात कर दिया गया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस स्थिति पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाई है।
झड़प में एक प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार की मौत

प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में एक आंदोलनकारी सविन महर्जन (29) की गोली लगने से मौत हो गई। इसके अलावा, टिनकुने क्षेत्र में एक मीडिया दफ्तर में आग लगने से पत्रकार सुरेश रजक की भी मौत हो गई। हिंसा में वरिष्ठ हवलदार चंद्र बुढा समेत 22 लोग घायल हो गए।
हवाई उड़ान बाधित, इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रभावित
प्रदर्शनकारियों द्वारा कई स्थानों पर आगजनी की गई, जिससे त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास भी हिंसा फैल गई। कई उड़ानों को स्थगित कर दिया गया और अंतरराष्ट्रीय विमानों को हवा में होल्ड पर रखा गया।
मीडिया और राजनीतिक दलों के कार्यालय बने निशाना

प्रदर्शनकारियों ने कई मीडिया दफ्तरों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी की। तिनकुने स्थित अन्नपूर्णा पोस्ट, कांतिपुर टीवी के कार्यालयों और एकीकृत समाजवादी पार्टी के मुख्यालय पर हमला किया गया। एमाले पार्टी के कार्यालय के पास एक वाहन को आग के हवाले कर दिया गया।
पांच क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू, सेना तैनात

स्थिति बिगड़ते देख जिला प्रशासन ने काठमांडू के पांच क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि बिना अनुमति के बाहर निकलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बालकुमारी क्षेत्र में सेना की तैनाती की गई है।
समाजवादी मोर्चे ने किया विरोध
नेपाल के समाजवादी मोर्चे ने इस हिंसक प्रदर्शन की निंदा करते हुए इसे अराजकता करार दिया है। मोर्चे के नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश बताया।