योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में ट्रांसजेंडर समुदाय को मिलेगा राशन कार्ड
उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के अनुसार, राज्य में बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर नागरिक आज भी रोजगार, शिक्षा और सरकारी सुविधाओं से दूर है। इनमें से कई लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है। जिससे वह मुफ्ती या सस्ते राशन कार्ड जैसी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की। मनसा है कि समाज के किसी भी वर्ग को उसकी पहचान कुछ भी हो, सरकारी योजना से वंचित न रखा जाएं।
योगी सरकार का बड़ा फैसला , यूपी में ट्रांसजेंडर समुदाय को मिलेगा राशन कार्ड
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : उत्तर प्रदेश।
उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक और बड़ा संवेदनशील फैसला लिया है। अब राज्य में ट्रांसजेंडर नागरिकों को राशन कार्ड जारी किए जाएंगे। ताकि उन्हें भी सस्ती दर पर राशन मिल सकें।
इस फैसले के तहत प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाकर उन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहचान की जाएंगी, जो अभी तक राशनकार्ड से वंचित है।
खाद्य एवं रसद विभाग में सभी जिलों की पूर्ति अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वह ट्रांसजेंडर समुदाय के सभी पात्र व्यक्ति को चिन्हित करें और उन्हें पात्र गृहस्थी श्रेणी में शामिल कर राष्ट्रीय खाद्यसुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्ड जारी करें।
अभियान को तेज़ और पारदर्शी बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि किसी भी पात्र व्यक्ति को योजना से वंचित न रहना पड़े।
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क्यों है यह फैसला खास ?
उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के अनुसार, राज्य में बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर नागरिक आज भी रोजगार, शिक्षा और सरकारी सुविधाओं से दूर है। इनमें से कई लोगों के पास राशनकार्ड नहीं है, जिससे वह मुफ्ती या सस्ते राशन जैसी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि समाज के किसी भी वर्ग को, उसकी पहचान कुछ भी हो, सरकारी योजनाओं से वंचित न रखा जाएं। राशनकार्ड मिलने से ट्रांसजेंडर नागरिकों को न केवल भोजन की सुरक्षा मिलेगी, बल्कि वह सम्मान के साथ मुख्यधारा से भी जुड़ पाएंगे।
पहचान पत्र और छात्रवृत्ति से भी मिल रहा सम्मान
अब तक उत्तर प्रदेश में 1,067 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र दिए जा चुके हैं। साथ ही 248 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी मिली है। इससे वह पढ़ाई में आगे बढ़ रहे हैं और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
राज्य सरकार ने 60 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसजेंडर नागरिकों के लिए वृद्ध आश्रम की सुविधा देने की भी शुरुआत की है। यह उन्हें रहने के साथ-साथ भोजन, पेंशन, आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य जांच और मानसिक परामर्श की सुविधाएं भी मिलेंगी।
ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल भी कर रही मदद
सरकार ने हर जिले में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल बनाई है, जो उनकी समस्याओं का समाधान करती है, यह सेल जिलाधिकारी की निगरानी में काम करती है।
भारत की सर्वोच्च अदालत ने 2014 में ट्रांसजेंडर समुदाय को थर्ड जेंडर की मान्यता दी थी। सरकारों को निर्देश दिया था कि वह इस समुदाय को समान अधिकार और योजनाओं का लाभ दें।
इस दिशा में योगी सरकार ने कई योजनाएं चलाई है। जैसे – गरिमा गृह, वृद्ध आश्रम, छात्रवृत्ति, पहचान पत्र और अब राशन कार्ड योजना।
योगी सरकार का यह फैसला समाज के एक ऐसे वर्ग के लिए उम्मीद की नई किरण है, जिसे लंबे समय से उपेक्षा का सामना करना पड़ा।
यह कम दिखाता है कि “सरकार सबका साथ, सबका विकास” के नारे को जमीन पर उतारने में जुटी है। राशनकार्ड से लेकर छात्रवृत्ति और आश्रय तक, ट्रांसजेंडर समुदाय को अब एक सम्मानजनक जीवन की ओर बढ़ने का अवसर मिल रहा है।
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