किसानों का धरना पांचवें दिन अनवरत जारी एन एच 727बी के लिए देय मुआवजा पर संतुष्ट नहीं है किसान
अखबार में प्रकाशित उप जिला अधिकारी तमकुही राज की बयान को किसानों ने बताया छलावा, एन एच 727 बी के किनारे तमकुही राज से रकवा राजा तक 18 से 20 लाख कट्ठा बिक रहे हैं भूमि राजस्व विभाग ने अभिग्रहित भूमि के बिक्री पर रोक लगायी।
tv9भारत समाचार : कृष्णा यादव, तमकुहीराज/ कुशीनगर।तमकुही राज में वर्तमान समय में मुआवजा की धनराशि को लेकर लगातार 5वें दिन से अनवरत सत्याग्रह आंदोलन में सम्मिलित आंदोलनकारी किसान ठंड में परेशान और बेहाल स्थिति में है।
पूर्व विधायक अजय कुमार लालू के नेतृत्व में रामकोला चट्टी बाजार में चल रहे धरना को और बल मिला किसान नेता कवि तथा फाजिलनगर के पूर्व विधायक प्रत्याशी नंदलाल विद्रोही ने धरना स्थल पर उपस्थित होकर इस आंदोलन को समर्थन देते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाने मे अपना सहयोग प्रदान किया है। उनके साथ क्षेत्र के सैकड़ो किसान भी इस आंदोलन में शामिल हुए हैं जिससे यहां के किसानों का मनोबल और बड़ा है।
आंदोलनकारियों ने बताया कि एक दैनिक अखबार में मवाजे की धनराशि के संबंध में उप जिलाधिकारी तमकुही राज द्वारा बताया गया है कि 1526 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है । स्वेक्षा से अपने भूखंड का प्रपत्र के आधार पर तहसील कार्यालय में 1250 किसानों की भूमि अधिग्रहित किया गया है शेष अभी बाकी है।
460 किसानों ने अपनी सहमत पत्र के आधार पर भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग को दे दी है तहसील प्रशासन ने उन किसानो के खाते में मुआवजे की राशि भेज दी हैशेष की कार्रवाई चल रही है। इसपर किसानों ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि मुआजे की घोषित राशि की जानकारी संबंधित विभाग के द्वारा किसी किसान को अब तक नहीं दी गई है।
किसान अंधकार में पड़ा हुआ है मुआवजा की राशि का खुलासा सरकार को कर देना चाहिए जिससे किसान अपने भूमि के मुवाजा की जानकारी प्राप्त कर सके। अभिग्रीहीत सड़क के किनारे वर्तमान समय में 16 हेक्टेयर भूमि 18 से 20 लाख रुपया के हिसाब से बेची जा रही है फिलहाल सड़क मंत्रालय द्वारा जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गई है। सड़क निर्माण के दौरान कोई किसानअपनीभूमि को नहीं बेच सकता है।
ऐसी स्थिति में किसान हर हालत में अपनी भूमि का मुआवजा का रेट सरकार से कितना निर्धारित है यह लिखित रूप से जानना चाहता है। परंतु सड़क मंत्रालय किसानों को उसके अधिग्रहित भूमिका लिखित मुआवजा रेट देने से इनकार किया है तथा सरकार का कहना है कि सड़क अभी ग्रहण के दौरान ही मुआवजा की राशी तय हो गई थी परंतु संबंधित अधिकारी यह बताने में असमर्थ साबित हो रहे हैं कि इस मुआजे का रेट कितना निर्धारित किया गया है।
किसान हर हालत में मवाजे की धनराशि की जानकारी के बाद संतुष्ट होने पर ही अपनी जमीन देने के लिए राजी है अन्यथा यह आंदोलन किसानों का मंडला आयुक्त गोरखपुर के आश्वासन पर रुका हुआ है किसानों का कहना है कि भविष्य में और उग्र आंदोलन होगा महिलाएं बच्चे बुजुर्ग अपने हक के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की होगी।
पांचवें दिन धरना स्थल पर पूर्व विधायक अजय कुमार लल्लू समाजसेवी नंदलाल विद्रोही डॉक्टर प्रभु गुप्ता रमेश गुप्ता अवधेश यादव एनुअल हक अंसारी श्रीमती कांति देवी लीलावती देवी अनारकली भगवत प्रसाद सुनील कुशवाहा इत्यादि किस भारी संख्या में उपस्थित रहे।
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