बिहार पुलिस जवान की दूसरी शादी से मचा बवाल, पहली बीवी ने घर पहुंच कर किया हंगामा… देखें Video
बिना तलाक दिए दूसरी शादी करने वाले सिपाही मोहम्मद वहाब अंसारी पर लगा पहली पत्नी को प्रताड़ित करने और दहेज मांगने का आरोप, मामला पहुंचा न्यायालय
रिपोर्ट : अजय कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर जिले के शिवनारायणपुर थाना क्षेत्र में उस वक्त हंगामा मच गया जब एक महिला ने अपने पति के घर पहुंचकर जमकर बवाल किया। वजह थी — बिहार पुलिस में तैनात सिपाही मोहम्मद वहाब अंसारी की दूसरी शादी। मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि सिपाही ने पहली बीवी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी रचा ली। पहली पत्नी अजमीरा खातून का कहना है कि उन्हें घर से बेदखल किया गया और अब दूसरी बीवी को लाकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
पहली पत्नी अजमीरा खातून को जैसे ही यह खबर मिली, वो अपने परिजनों के साथ सिपाही के घर पहुंच गई और वहां जमकर हंगामा किया। अजमीरा का आरोप है कि न सिर्फ उन्हें घर से निकाला गया बल्कि जब भी वो अपने हक के लिए ससुराल जाती हैं, उन्हें वहाब और उनके परिवार द्वारा मारा-पीटा जाता है। अजमीरा का यह भी दावा है कि सिपाही दहेज की भी मांग करता है।
अजमीरा खातून (पहली पत्नी): “हमारी शादी लव मैरिज थी, फिर भी उन्होंने हमें छोड़ दिया। अब दूसरी शादी कर ली है। हमारा बच्चा है, लेकिन हमें घर में घुसने नहीं दिया जाता। हमें इंसाफ चाहिए।”
आरोपी पति मोहम्मद वहाब अंसारी (सिपाही):”हां, हमसे गलती हुई है। हमने तलाक नहीं दिया था। हम इसे स्वीकार करते हैं।”
जानकारी के मुताबिक, अजमीरा खातून और मोहम्मद वहाब की लव मैरिज हुई थी और दोनों का एक बच्चा भी है। लेकिन कुछ महीनों से अजमीरा को घर से निकाल दिया गया है। अब जवान ने दूसरी लड़की से भी लव मैरिज कर ली, जिससे विवाद और गहराता जा रहा है।
अजमीरा खातून ने मीडिया से कहा “हमसे कोई तलाक नहीं हुआ है, फिर भी दूसरी शादी कर ली। जब भी उसके घर जाते हैं, मां, भाई, बहन सब मिलकर मारते हैं”।
जब सिपाही मोहम्मद वहाब अंसारी से इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने साफ-साफ कहा, “हां, हमसे गलती हो गई है। हमने पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया।”
अजमीरा ने न्याय की गुहार लगाई है और मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। अब देखना होगा कि बिहार पुलिस प्रशासन इस मामले में कब और कैसी कार्रवाई करता है। सवाल यह भी है कि क्या कानून का पालन कराने वाला खुद कानून तोड़ने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा?