बहराइच में दलित युवक की पिटाई के बाद पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, थाने में बैठा है पीड़ित, आरोपी दे रहे खुलेआम धमकी
राशिद खान समेत चार पर गंभीर आरोप, दलित युवक को जातिसूचक गालियां देकर पीटा गया, अब मिल रही जान से मारने की धमकी, थाने पर सिपाही आरोपियों की कर रहा मदद
- बहराइच में दलित युवक की पिटाई के बाद पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, थाने में बैठा है पीड़ित, आरोपी दे रहे खुलेआम धमकी
- राशिद खान समेत चार पर गंभीर आरोप, दलित युवक को जातिसूचक गालियां देकर पीटा गया, अब मिल रही जान से मारने की धमकी, थाने पर सिपाही आरोपियों की कर रहा मदद
बहराइच :यूपी। उत्तर प्रदेश के थाना रामगांव के मैगला में एक दलित युवक के साथ हुए अत्याचार ने न केवल सामाजिक न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पुलिस की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये ने पीड़ित को और ज्यादा असहाय बना दिया है। पीड़ित थाने में इंसाफ के लिए बैठा है, लेकिन कार्यवाही की जगह उसे धमकियां मिल रही हैं और आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है।

ग्राम मैगला थाना रामगांव निवासी अजय पुत्र समयदीन, जो कि एक दलित युवक हैं, ने आकिलपुर दशरथपुर निवासी राशिद खान से अपना कुछ बकाया पैसा मांगने की कोशिश की थी। अजय के अनुसार, राशिद ने पैसा देने से इंकार कर दिया और विरोध करने पर अपने साथियों ननकऊ, शहाबुद्दीन और अपने बहनोई के साथ मिलकर अजय को जातिसूचक गालियां दीं और बुरी तरह पीटा।
इस घटना के बाद अजय ने थाने में लिखित तहरीर दी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
पीड़ित का कहना है कि वह पिछले कई घंटों से थाने में बैठा है, लेकिन न कोई रिपोर्ट लिखी गई और न ही आरोपियों को पकड़ा गया।
यह भी आरोप है कि रामगांव थाने के एक सिपाही ने पीड़ित से कहा कि “ऐसे मामले तो रोज आते हैं”, जिससे यह साफ हो गया कि थाने में दलित उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
अजय ने यह भी बताया कि थाने का एक सिपाही खुलेआम आरोपियों की मदद कर रहा है, और अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
सबसे डरावनी बात यह है कि राशिद खान और उसके साथी अब पीड़ित को लगातार जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। लेकिन पुलिस ने सुरक्षा देने या कोई कानूनी संरक्षण देने की बजाय पीड़ित को ही अकेला छोड़ दिया है।
सवालों के घेरे में पुलिस की भूमिका
इस घटना ने ना केवल जातीय उत्पीड़न के मामले को सामने लाया है, बल्कि यह भी उजागर किया है कि पुलिस थानों में दलितों के साथ भेदभाव और उपेक्षा अब भी जारी है।
एक तरफ दलित युवक को जाति के नाम पर पीटा जाता है, दूसरी तरफ जब वह इंसाफ मांगने जाता है, तो उसे थाने में बैठा छोड़ दिया जाता है और कोई सुनवाई नहीं होती।
पीड़ित की मांग
पीड़ित अजय ने उच्चाधिकारियों से मांग की है कि आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए साथ ही उसे पुलिस सुरक्षा दी जाए, थाने में मौजूद पक्षपाती सिपाही के खिलाफ कार्रवाई हो और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाए।