नाजिरपुरा पूर्वी में “नाइट ब्लड सर्वे” को मिली नई ऊर्जा, सभासद शकील मिर्जा ने खुद थामी स्वास्थ्यकर्मियों की मशाल, लिया 136 लोगों का रक्त नमूना
रात 10 से 12 बजे तक चल रहा है शिविर, जन-जागरूकता का अद्भुत उदाहरण
- नाजिरपुरा पूर्वी में “नाइट ब्लड सर्वे” को मिली नई ऊर्जा, सभासद शकील मिर्जा ने खुद थामी स्वास्थ्यकर्मियों की मशाल, लिया 136 लोगों का रक्त नमूना
- रात 10 से 12 बजे तक चल रहा है शिविर, जन-जागरूकता का अद्भुत उदाहरण
रिपोर्ट : अजय पाठक : बहराइच। जब पूरा शहर गहरी नींद में होता है, तब नाजिरपुरा पूर्वी की गलियों में उम्मीद की रौशनी फैलती है। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत चल रहे “नाइट ब्लड सर्वे” को सभासद शकील मिर्जा के सक्रिय सहयोग से नई ऊर्जा मिल रही है। यह सर्वे केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक भागीदारी और जन-जागरूकता का प्रतीक बन चुका है।
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स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सभासद भी मैदान में
सभासद बोले: बीमारी मिटानी है तो दरवाजे हमें खुद खोलने होंगे
सभासद मिर्जा ने कहा, “यह केवल स्वास्थ्य विभाग का कार्य नहीं है, यह हर जिम्मेदार नागरिक की भूमिका है। अगर हम फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी को जड़ से खत्म करना चाहते हैं, तो हर घर तक पहुंचना और विश्वास बनाना जरूरी है।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मंगलवार रात को भी वह सर्वे टीम का साथ देंगे।
लोगों की हिचकिचाहट, लेकिन बढ़ा विश्वास

जिले में 9600 में से 6895 लोगों की हो चुकी है जांच*
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है और शुरुआती दौर में पहचानना मुश्किल होता है।
“अगर समय पर जांच और इलाज हो, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।” उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक 9600 के लक्ष्य में से 6895 रक्त नमूने लिए जा चुके हैं और शेष कार्य तेजी से किया जा रहा है।
फाइलेरिया: जानिए क्यों जरूरी है जांच
- यह बीमारी संक्रमित मच्छरों से फैलती है
- शुरुआती 10-15 वर्षों तक कोई लक्षण नहीं दिखते
- बाद में यह हाथ-पैर की सूजन, कमजोरी और स्थायी विकलांगता का कारण बनती है
- रक्त नमूना रात 10 से 12 बजे तक ही कारगर रहता है, इसलिए “नाइट सर्वे” आवश्यक है
सर्वे की मुख्य झलकियां
- ✔ सभासद द्वारा घर-घर जाकर लोगों को समझाना
- ✔ महिलाओं और बुजुर्गों की भागीदारी
- ✔ युवाओं का सक्रिय समर्थन
- ✔ स्वास्थ्यकर्मियों का अथक परिश्रम
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