बहराइच के पयागपुर में दस्तक अभियान से पहले 89 आशाओं को मिला संचारी रोगों से बचाव का प्रशिक्षण

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर में दो बैच में हुआ प्रशिक्षण, आशाओं को दी गई डेंगू, डायरिया, फाइलेरिया और स्वच्छता की जानकारी

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  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर में दो बैच में हुआ प्रशिक्षण, आशाओं को दी गई डेंगू, डायरिया, फाइलेरिया और स्वच्छता की जानकारी

रिपोर्ट : महेश अग्रवाल : पयागपुर : बहराइच। बहराइच जिले के पयागपुर क्षेत्र में संचारी रोगों की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम पहल की है। दस्तक अभियान (11 जुलाई से शुरू) को सफल बनाने के उद्देश्य से पयागपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 89 आशा कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें संचारी रोगों से बचाव, लोगों को जागरूक करने और इलाज के लिए प्रेरित करने की विधियों से अवगत कराया गया।

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संचारी रोगों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क

89 Asha got training to protect against communicable diseases before the knocking campaign in Payagpur, Bahraic

पयागपुर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में आशाओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसका नेतृत्व अधीक्षक डॉ. धीरेन्द्र तिवारी ने किया। उन्होंने बताया कि यह दस्तक अभियान 11 जुलाई से शुरू होगा, जिसमें आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को बुखार, डायरिया, डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव के उपाय बताएंगी।

घर-घर जाकर बताएंगे साफ़-सफ़ाई के महत्व

आशाएं लोगों को साफ-सफाई, मच्छर रोकथाम, डायरिया से बचाव, और बीमारियों के लक्षण दिखने पर क्या करें और क्या न करें, इन सभी विषयों पर जागरूक करेंगी। साथ ही, जो भी रोगी लक्षणों से प्रभावित दिखेंगे, उन्हें अस्पताल जाकर इलाज कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

दो बैच में 89 आशाओं को दिया गया प्रशिक्षण

बीपीएम अनुपम शुक्ला की देखरेख में 89 आशाओं को दो बैचों में प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान डीसी पाथ अभिषेक जायसवाल ने फाइलेरिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उसकी रोकथाम व लक्षणों की पहचान के टिप्स दिए।

एम्बुलेंस सेवाओं की भी दी गई जानकारी

89 Asha got training to protect against communicable diseases before the knocking campaign in Payagpur, Bahraicप्रशिक्षण में 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं के बारे में भी बताया गया। प्रोग्राम मैनेजर सुधीर त्रिपाठी और अनुपम मिश्रा ने आशाओं को बताया कि किस तरह आपातकाल में इन सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है ताकि रोगियों को समय पर इलाज मिल सके।

स्वास्थ्य विभाग की यह पहल न केवल संचारी रोगों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और जागरूकता को भी मजबूती मिलेगी। आशाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोग नियंत्रण की पहली पंक्ति में लाया जा रहा है, जो एक सराहनीय कदम है।

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