बहराइच: खेत की मेड काटने से रोकने पर वृद्धा और परिवार पर दबंगों का हमला, पुलिस कार्रवाई में कर रही टालमटोल

तेजवापुर के बेडनापुर में शांति देवी समेत परिवार के तीन लोग घायल, पीड़िता ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

  • बहराइच: खेत की मेड काटने से रोकने पर वृद्धा और परिवार पर दबंगों का हमला, पुलिस कार्रवाई में कर रही टालमटोल 
  • तेजवापुर के बेडनापुर में शांति देवी समेत परिवार के तीन लोग घायल, पीड़िता ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

पुंडरीक पीके पांडेय :बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के तेजवापुर क्षेत्र से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। खेत की मेड काटने से रोकना एक बुजुर्ग महिला और उसके परिवार को इतना भारी पड़ा कि दबंगों ने उन पर फावड़े से जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस चौकी और कोतवाली में सुनवाई न होने पर पीड़िता ने अब पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा व न्याय की गुहार लगाई है।

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खेत पर धान की देखभाल करने गई थी वृद्धा

Bahraich: The old lady and the family attack on the old woman and the family, they are evasive in the police action
फोटो : हमले में घायल वृद्धा व युवक

घटना कोतवाली देहात क्षेत्र के बेडनापुर पुलिस चौकी अंतर्गत दुलम्हा गांव की है। गुरुवार शाम करीब 6 बजे 75 वर्षीय शांति देवी अपने पुत्र कौशल किशोर (50) और पोतों ललित (24) एवं अंकित (17) के साथ अपने खेत पर धान रोपाई की तैयारी देखने गई थीं।

खेत पर पहले से ही पड़ोसी अमृत लाल शुक्ल, अंजनी, रमन और अनुभव मौजूद थे, जो फावड़े से खेत की मेड काट रहे थे। शांति देवी का कहना है कि ज़ब उन्होने व परिवार ने विरोध किया तो चारों ने दबंगई करते हुए गाली-गलौज की और जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में शांति देवी, कौशल किशोर और अंकित गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि ललित जान बचाकर गांव भागा और गांव के लोगों की मदद से घायलों को बचाया गया।

पुलिस चौकी और कोतवाली देहात में नहीं हुई सुनवाई

घटना के बाद पीड़ित परिवार पहले बेडनापुर पुलिस चौकी गया, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई। फिर कोतवाली देहात पहुंचने पर भी पुलिस टालमटोल करती रही। पीड़िता शांति देवी ने मजबूर होकर पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।

हमलावर खुलेआम घूम रहे, पीड़ित को फंसाने की साजिश

पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी अमृत लाल शुक्ल व उसके साथी न केवल खुलेआम कोतवाली में कुर्सी पर बैठे देखे गए, बल्कि उल्टे पीड़ितों को फर्जी केस में फंसाने की साजिश करते और सिफारिश के लिए नेताओं से फोन करवाते नजर आए।

यह मामला न सिर्फ दबंगई की हद को दर्शाता है, बल्कि बहराइच जिले की पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है। एक बुजुर्ग महिला और उसके परिवार पर हुए हमले में अभी तक एफआईआर दर्ज न होना पीड़ितों के लिए दूसरा सदमा है। अब देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है।

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