बिहार की सोंधी मिट्टी में कलात्मक श्रृंगार, सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने किया पीएम मोदी का अनोखा स्वागत

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार चंपारण पहुंचे पीएम के स्वागत में सृजित की 1 फीट ऊँची सोंधी मूर्ति

  • बिहार की सोंधी मिट्टी में कलात्मक श्रृंगार, सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने किया पीएम मोदी का अनोखा स्वागत
  • ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार चंपारण पहुंचे पीएम के स्वागत में सृजित की 1 फीट ऊँची सोंधी मूर्ति

अमित कुमार : मोतिहारी : बिहार। महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण की पावन धरती पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर पूरे बिहार में उत्साह का माहौल है। इस खास अवसर को और खास बना दिया है देश के चर्चित अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने, जिन्होंने इस बार पीएम मोदी का स्वागत बिहार की सोंधी मिट्टी से तैयार एक आकर्षक कलाकृति के जरिए किया।

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Artistic makeup in Sondhi soil of Bihar, Sand Artist Madhurendra welcomed PM Modi.

मधुरेंद्र ने 10 घंटे के कठोर परिश्रम से 1 फीट ऊँची मूर्ति बनाकर उस पर लिखा – “Welcome to Bihar Modi Ji” उनकी यह कलाकृति सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। देश-प्रदेश में कलात्मक श्रद्धा और भावनात्मक स्वागत की यह मिसाल चर्चा का विषय बनी हुई है।

कलाकार की अभिव्यक्ति

मधुरेंद्र ने मीडिया से बात करते हुए कहा – “प्रधानमंत्री मोदी जी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार हमारे चंपारण में आ रहे हैं। उनके स्वागत में यह मूर्ति मेरी ओर से एक कलात्मक प्रणाम है। जब-जब मोदी जी बिहार आते हैं, राज्य को नई सौगातें मिलती हैं। मेरी यह कलाकृति उनके स्वागत में समर्पित है।”

पीएम का दौरा और तैयारियाँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को मोतिहारी के गांधी मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके पहले 20 जून को उन्होंने सीवान में जनसभा को संबोधित किया था। इस बार उनके दौरे को लेकर प्रशासन और बीजेपी संगठन ने ज़ोर-शोर से तैयारियाँ पूरी कर ली हैं।

बिहार से विशेष लगाव

Artistic makeup in Sondhi soil of Bihar, Sand Artist Madhurendra welcomed PM Modi.गौरतलब है कि जब भी पीएम मोदी बिहार आते हैं, मधुरेंद्र अपने बेमिसाल सैंड आर्ट के जरिए उनका अभिनंदन करते हैं। कभी पीपल के पत्तों पर, कभी बालू रेत से तो कभी मिट्टी से, वे प्रधानमंत्री को श्रद्धा और सृजन से नमन करते हैं। इस बार की सोंधी मिट्टी की कलाकृति ने फिर यह साबित कर दिया है कि कला केवल रंगों से नहीं, भावना और मिट्टी से भी बोलती है।

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