बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर: RCP सिंह हुए जन सुराज पार्टी में शामिल… देखें Video

पूर्व केंद्रीय मंत्री और JDU अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी 'आसा' का किया विलय, प्रशांत किशोर के साथ मिलकर बनाएंगे नई रणनीति

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  • पूर्व केंद्रीय मंत्री और JDU अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आसा’ का किया विलय, प्रशांत किशोर के साथ मिलकर बनाएंगे नई रणनीति

रिपोर्ट : अमित कुमार : पटना : बिहार। बिहार की सियासत में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आसा’ का विलय प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में कर दिया है। यह गठबंधन राज्य की राजनीतिक फिज़ा को नया मोड़ दे सकता है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र।

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Big upset in Bihar politics: RCP Singh joined Jan Suraj Party ... Watch VIDEO
फोटो : आरसीपी सिंह के साथ प्रेस वार्ता करते जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर

आरसीपी सिंह, जो कभी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे और जदयू के शीर्ष पदों पर रह चुके हैं, अब जन सुराज पार्टी के साथ एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। एनडीए सरकार में मंत्री रहने के बाद उन्होंने बीजेपी का भी दामन थामा, लेकिन वहां उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली।

अक्टूबर 2024 में उन्होंने अपनी अलग पार्टी ‘आसा’ की शुरुआत की थी। मगर अब उसे भी जन सुराज पार्टी में मिलाकर एक व्यापक राजनीतिक मंच बनाने की दिशा में कदम उठाया गया है।

इस नए राजनीतिक मेल से बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है। आरसीपी सिंह का राजनीतिक अनुभव और प्रशांत किशोर की रणनीतिक क्षमता अगर एकजुट होती है, तो यह गठबंधन मौजूदा दलों के लिए चुनौती बन सकता है।

राजनीतिक पंडितो का विश्लेषण

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह गठबंधन उस मतदाता वर्ग को लुभा सकता है जो पारंपरिक दलों से नाराज़ है। खासकर युवाओं, शिक्षित मध्यम वर्ग और ग्रामीण विकास की बात करने वाले वोटर को यह साझेदारी प्रभावित कर सकती है।

आरसीपी सिंह की जन सुराज पार्टी में भूमिका क्या होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उन्हें संगठन या चुनावी रणनीति में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

आगामी विधानसभा चुनावों पर असर

2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले यह गठबंधन विपक्षी और सत्तारूढ़ दोनों खेमों को सोचने पर मजबूर कर सकता है। जन सुराज पार्टी पहले ही अपने ‘पदयात्रा’ मॉडल के माध्यम से ज़मीनी स्तर पर उपस्थिति दर्ज करा चुकी है, और अब आरसीपी सिंह का प्रशासनिक अनुभव इसमें नया आयाम जोड़ सकता है।

आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर की यह नई साझेदारी आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गठबंधन कितनी तेजी से राज्य के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करता है।

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