पटियाला कोर्ट से बरी होने के बाद अयोध्या पहुंचे बृजभूषण शरण सिंह, बोले- “जो खोया उसका ग़म नहीं, पर जो पाया वह कम नहीं”

पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का अयोध्या एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत, कोर्ट के फैसले पर जताया संतोष, यौन उत्पीड़न कानूनों के दुरुपयोग पर उठाए सवाल

  • पटियाला कोर्ट से बरी होने के बाद अयोध्या पहुंचे बृजभूषण शरण सिंह, बोले- “जो खोया उसका ग़म नहीं, पर जो पाया वह कम नहीं”
  • पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का अयोध्या एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत, कोर्ट के फैसले पर जताया संतोष, यौन उत्पीड़न कानूनों के दुरुपयोग पर उठाए सवाल।

विजय कुमार पटेल :अयोध्या। पॉक्सो एक्ट के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बरी होने के बाद कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह सोमवार को पहली बार अयोध्या पहुंचे। अयोध्या एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए भारी संख्या में साधु-संत, समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। जयघोष और नारों के बीच सिंह ने मीडिया से बात करते हुए अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को झूठा बताया और कोर्ट के फैसले को ‘सत्य की जीत’ कहा।

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बयान: “अगर आरोप साबित होते तो खुद फांसी पर लटक जाता”

Brij Bhushan Sharan Singh, who arrived in Ayodhya after being acquitted from the Patiala court, said- "What is lost, but what he found is not less"
फोटो : पत्रकारों से बातचीत करते पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह

पूर्व सांसद ने कहा, “18 जनवरी 2023 को मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए थे। तब मैंने साफ कहा था—अगर ये आरोप साबित हुए तो मैं खुद फांसी पर लटक जाऊंगा। आज न्यायपालिका ने मेरा सत्य प्रमाणित कर दिया है।”

उन्होंने भारत की न्याय प्रणाली पर आस्था जताते हुए कहा कि “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। मैंने जो खोया उसका ग़म नहीं, लेकिन जो पाया वह कम नहीं।”

खिलाड़ियों पर हमला, पुरानी नज़दीकियों का हवाला

बृजभूषण सिंह ने उन पहलवानों पर भी निशाना साधा, जिन्होंने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा: “जो मुझे कुश्ती का भगवान कहते थे, वे मेरे घर आते थे, त्योहारों और पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होते थे। आज वही लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं।”

उन्होंने भावनात्मक अंदाज़ में एक फिल्मी गीत का सहारा लेते हुए कहा: “कभी पास आकर मुझे ये बता दें मिला है क्या उन्हें मुझे यूं सता के।”

यौन उत्पीड़न कानून के दुरुपयोग पर उठाए सवाल

पूर्व सांसद ने कहा कि “पॉक्सो और यौन उत्पीड़न की धाराएं बच्चियों और महिलाओं की रक्षा के लिए बनी थीं, लेकिन अब इनका दुरुपयोग एक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इस कानून के डर से कई युवाओं और वरिष्ठ अधिकारियों ने आत्महत्या की।”

उन्होंने सरकार से मांग की कि यौन उत्पीड़न कानूनों की समीक्षा की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि झूठे आरोप लगाने वालों को दोगुनी सज़ा मिले।

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