पांच दिन बाद भी दलित नर्स रूबी की मौत बनी रहस्य, पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी रह गई अधूरी
अस्पताल में मिली लाश, संचालक बोला आत्महत्या – परिजन बोले हत्या, पुलिस बिसरा रिपोर्ट का कर रही इंतजार
- पांच दिन बाद भी दलित नर्स रूबी की मौत बनी रहस्य, पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी रह गई अधूरी
- अस्पताल में मिली लाश, संचालक बोला आत्महत्या – परिजन बोले हत्या, पुलिस बिसरा रिपोर्ट का कर रही इंतजार
विजय कुमार पटेल :अंबेडकरनगर : यूपी। कटका थाना क्षेत्र की दलित बेटी रूबी की रहस्यमयी मौत की गुत्थी अब भी नहीं सुलझ सकी है। बीते 9 मई को कृष्णा पॉली क्लीनिक, न्योरी में कार्यरत स्टाफ नर्स रूबी की लाश उसी अस्पताल में संदिग्ध अवस्था में पाई गई थी। घटना के पांच दिन बाद भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, जिससे क्षेत्र में रोष और संदेह दोनों बढ़ते जा रहे हैं।
💔 मौत या हत्या? सवालों में उलझी रूबी की अंतिम सांस

रूबी के गांव दुलहूपुर सिहोंरिया (थाना कटका) में मातम पसरा हुआ है। अस्पताल संचालक पिंटू निषाद ने परिजनों को सूचना दी थी कि रूबी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मगर जब परिवार मौके पर पहुंचा तो रूबी फर्श पर पड़ी मिली, जिससे शक और गहराया।
परिजनों ने स्पष्ट रूप से हत्या का आरोप लगाया और कटका पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने तत्काल अस्पताल संचालक, उसके भाई और एक महिला नर्स को हिरासत में लिया। लेकिन अब तक ये लोग थाने में ही आराम फरमा रहे हैं, जेल नहीं भेजे गए।
मेडिकल रिपोर्ट से नहीं मिला कोई निष्कर्ष
तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। थानाध्यक्ष प्रेमचंद ने इस पर CMO को पत्र लिखकर रिपोर्ट की स्थिति साफ करने को कहा। सीएमओ ने पोस्टमार्टम टीम से बातचीत भी की लेकिन रिपोर्ट अब भी अधूरी है। पुलिस अब बिसरा जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
घटनाक्रम के महत्वपूर्ण बिंदु
- स्टाफ नर्स रूबी की मौत अब भी रहस्य बनी हुई है
- संचालक ने बताया आत्महत्या, परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट से नहीं हुआ मौत का कारण स्पष्ट
- बिसरा रिपोर्ट पर टिकी पुलिस की उम्मीदें
- पुलिस हिरासत में हैं आरोपी, लेकिन अब तक जेल नहीं
- सामाजिक संगठनों में आक्रोश, जल्द न्याय की मांग
FIR दर्ज, पर न्याय अधूरा
रूबी के पिता मुन्नालाल की तहरीर पर पुलिस ने दो नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन जांच की गति धीमी है और अब तक कोई गिरफ्तारी जेल तक नहीं पहुंची।
समाज में उबाल, न्याय की मांग तेज
स्थानीय नागरिकों और दलित संगठनों में गहरा आक्रोश है। लोग पूछ रहे हैं कि जब सब कुछ अस्पताल के अंदर हुआ, तो रूबी की मौत पर सच्चाई सामने क्यों नहीं आ रही?दलित बेटी को न्याय कब मिलेगा?