पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख, सेना को खुली छूट, पाकिस्तान में खौफ का माहौल

CCS की आपात बैठक, पीएम मोदी की हाईलेवल मीटिंग, LoC पर बढ़ी फायरिंग; NSA बोर्ड में आलोक जोशी को मिली बड़ी जिम्मेदारी उधर पाक मंत्री की आधी रात प्रेस कांफ्रेंस ने बढ़ाई हलचल

रिपोर्ट : नवीन चौबे 

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के बैसरन में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के संकेत दिए हैं। सरकार ने सेना को आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की पूरी छूट दे दी है। इस फैसले से पाकिस्तान में खलबली मच गई है और वहां के मंत्री तक संभावित भारतीय कार्रवाई की आशंका जता रहे हैं। वहीं पाकिस्तान की ओर से खौफ में उठाए गए कदम, जैसे आधी रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस और फायरिंग की घटनाएं, यह साफ संकेत दे रही हैं कि माहौल बेहद तनावपूर्ण हो चुका है।

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India's strict stance after Pahalgam attack, army open exemption, fear in Pakistan
फोटो : हाई लेवल मीटिंग में मौजूद प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री तीनों सेनाओं के अध्यक्ष व अन्य

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास बैसरन में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सरकार अब कोई ढिलाई नहीं बरतने के मूड में है। हमले में मारे गए 26 लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में सुरक्षा को लेकर लगातार तीन हाईलेवल बैठकें कीं। इनमें आखिरी बैठक उनके घर पर हुई जो करीब 35 मिनट तक चली। इस बैठक में सेनाध्यक्ष, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल रहे।

भारत ने सेना को दी खुली छूट, पाकिस्तान में घबराहट का माहौल

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प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सेना को आतंकवाद के खिलाफ खुली छूट दे दी है। इसका सीधा असर पाकिस्तान पर देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने आधी रात को एक आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि उन्हें 24 से 36 घंटे में भारत की तरफ से सैन्य कार्रवाई की आशंका है। सीमा पर भी हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। LoC और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर लगातार फायरिंग की खबरें आ रही हैं।

LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग तेज़

India's strict stance after Pahalgam attack, army open exemption, fear in Pakistanसेना को मिली छूट के बाद एलओसी (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग की घटनाएं तेज हो गई हैं। भारतीय सुरक्षा बल हर हरकत पर नज़र रखे हुए हैं और किसी भी उकसावे का जवाब तत्काल दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।

दिल्ली में लगातार हो रही हाईलेवल बैठकें

सीमा पर हालात को गंभीर देखते हुए दिल्ली में हुई CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए। इस मीटिंग में सुरक्षा से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए, हालांकि सरकार ने सार्वजनिक रूप से ज्यादा कुछ नहीं बताया।

PM मोदी का मास्को दौरा रद्द

इस माहौल में भारत ने रूस के मास्को दौरे को भी फिलहाल रद्द कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी अब 9 मई को होने वाली ‘विजय दिवस परेड’ में हिस्सा नहीं लेंगे। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन

इधर, सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का भी पुनर्गठन कर दिया है। पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। बोर्ड में अब कुल सात सदस्य होंगे, जिनमें सैन्य और खुफिया सेवाओं से रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं। इनमें एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, रियर एडमिरल मोंटी खन्ना, आईपीएस अधिकारी राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व IFS बी. वेंकटेश वर्मा शामिल हैं।

देश में सुरक्षा को लेकर जिस तरह की गंभीरता दिखाई जा रही है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में आतंकवाद और उसके सरपरस्तों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

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