मनरेगा में महाघोटाला: बहराइच के चित्तौरा ब्लॉक में फर्जीवाड़े का खुलासा, गुलहरिया बना हॉटस्पॉट
सरकारी धन की लूट: कागज़ों पर बन रहीं सड़कें, श्रमिकों की फर्जी उपस्थिति दर्ज
- मनरेगा में महाघोटाला: बहराइच के चित्तौरा ब्लॉक में फर्जीवाड़े का खुलासा, गुलहरिया बना हॉटस्पॉट
- सरकारी धन की लूट: कागज़ों पर बन रहीं सड़कें, श्रमिकों की फर्जी उपस्थिति दर्ज
रिपोर्ट : अतुल त्रिपाठी : बहराइच। यूपी में बहराइच जनपद के विकासखंड चित्तौरा के गुलहरिया गांव से एक बड़ा खुलासा हुआ है। ग्रामीणों ने मनरेगा योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों में फर्जी श्रमिकों की आमद दर्ज कराने की शिकायत दर्ज करवाई है। मस्टर रोल में उन लोगों के नाम दर्ज हैं, जो या तो गांव में नहीं रहते या उन्होंने कोई कार्य नहीं किया है।
कागज़ पर बन रहीं नई सड़कें, हकीकत में पहले से बनी हैं
चित्तौरा ब्लॉक में पहले से बनी पक्की सड़कों को भी मनरेगा फाइलों में नई सड़क दिखाकर दोबारा बजट उठाया जा रहा है। गांवों में कोई भी ठोस कार्य नज़र नहीं आ रहा, फिर भी मजदूरों को भुगतान हो रहा है। इससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।
- चित्तौरा विकासखंड के गुलहरिया गांव में फर्जी मजदूरों की शिकायत
- फर्जी मस्टर रोल से मनरेगा भुगतान, पहले से बनी सड़कों को दोबारा दिखाया गया
- तालाबों की सफाई के नाम पर भी सरकारी धन का दुरुपयोग
- मिहींपुरवा, शिवपुर, बलहा, हुजूरपुर, फखरपुर, तेजवापुर में भी भ्रष्टाचार की गूंज
- जिम्मेदार अधिकारी मौन, ग्रामीणों में आक्रोश
तालाब की सफाई के नाम पर पैसा हजम
तालाबों की सफाई को लेकर फर्जी चालान और अधूरे काम की बात भी सामने आई है। जिन तालाबों को साफ दिखाया गया, वहां जमीनी निरीक्षण में कोई कार्य होता नहीं दिखा।इन सब घोटालों में स्थानीय अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जिले के अन्य विकास खंड में भी भ्रष्टाचार की आहट
चित्तौरा के अलावा मिहींपुरवा, शिवपुर, बलहा, हुजूरपुर, फखरपुर और तेजवापुर विकासखंडों में भी मनरेगा कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिना काम के भुगतान और मस्टर रोल में मृत व्यक्तियों या प्रवासी मजदूरों के नाम भी जोड़े जा रहे हैं।
जिम्मेदार मौन, सरकार की मंशा पर पानी
मनरेगा जैसी गरीब कल्याणकारी योजना में इस तरह की गड़बड़ियां सरकारी मंशा पर सीधा कुठाराघात हैं। बावजूद इसके, स्थानीय प्रशासन या बीडीओ स्तर पर कोई ठोस जांच या कार्रवाई होती नहीं दिख रही। इससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं।
जनता की मांग: हो निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस भ्रष्टाचार की जांच निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए, तो करोड़ों रुपये की गड़बड़ियां सामने आ सकती हैं।
गौरतलब हो कि बहराइच का चित्तौरा ब्लॉक इस समय मनरेगा भ्रष्टाचार का केंद्र बना हुआ है। गुलहरिया गांव में फर्जी मस्टर रोल और बिना काम के भुगतान ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल दी है। यह तो सिर्फ एक बानगी है, अन्य कई ग्राम पंचायतों में भी भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट है, सरकार को अब तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों पर कठोर कदम उठाना चाहिए, ताकि ग्रामीण विकास योजनाओं पर जनता का विश्वास बहाल हो सके।