
जेल की चारदीवारी के भीतर उम्मीद सँग सेहत की नई हवा: जिला कारागार में ‘ओपन जिम’ की शुरुआत
लखीमपुर खीरी जेल में बंदियों के लिए स्वास्थ्य और आत्म-सुधार की दिशा में नई पहल, डीएम और एसपी ने किया उद्घाटन
- जेल की चारदीवारी के भीतर उम्मीद सँग सेहत की नई हवा: जिला कारागार में ‘ओपन जिम’ की शुरुआत
- लखीमपुर खीरी जेल में बंदियों के लिए स्वास्थ्य और आत्म-सुधार की दिशा में नई पहल, डीएम और एसपी ने किया उद्घाटन
रिपोर्ट : आयुष पाण्डेय : लखीमपुर खीरी। जेल – एक ऐसा स्थान जो अब सिर्फ सज़ा का पर्याय नहीं रहा, बल्कि सुधार और नवजीवन की ओर बढ़ता एक ठिकाना बन रहा है। लखीमपुर खीरी के जिला कारागार में इसी सोच को आकार दिया गया जब जेल की चारदीवारी के भीतर ‘ओपन जिम’ की शुरुआत हुई। फिटनेस के इस नए अध्याय का उद्घाटन जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल और पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने किया, जिससे न केवल जेल प्रशासन, बल्कि पूरे जिले में सकारात्मक सोच का संचार हुआ।
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बंदियों के लिए फिटनेस की खुली राह

अब जेल में सिर्फ दिन नहीं गिने जाएंगे, बल्कि हर दिन सेहत की ओर कदम भी बढ़ाए जाएंगे। जिला कारागार में फिटनेस और मानसिक शांति को बढ़ावा देने के लिए आठ अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित ‘ओपन जिम’ शुरू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य कैदियों को न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाना है, बल्कि मानसिक रूप से भी मज़बूत और आत्म-विश्वासी बनाना है।
एक नई सोच, एक नई शुरुआत
🏋️♂️जिम की खासियत: अत्याधुनिक मशीनों से सज्जित
ओपन जिम में लगाई गई हैं यह मशीनें
- एयर वॉकर : हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
- शोल्डर व्हील : कंधे और बाजुओं की एक्सरसाइज़
- एब्डॉमिनल बोर्ड : पेट और कोर मसल्स की मजबूती
- लेग प्रेस : जांघ और पैरों की ताकत
- पुश/पुल डाउन मशीन : शरीर के ऊपरी हिस्से की मजबूती
- एलिप्टिकल ट्रेनर : कार्डियो फिटनेस के लिए
- साइकिल मशीन : हृदय और जांघों की एक्सरसाइज़
- सर्फ बोर्ड : संतुलन और लचीलापन बढ़ाने में सहायक
इन सभी मशीनों को कोटेड मेटल पाइप से तैयार किया गया है, जिससे यह टिकाऊ और सुरक्षित बनी रहें।
जानिए डीएम और एसपी ने क्या कहा?
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने इस पहल को मानसिक शांति की दिशा में पहला कदम बताया। उन्होंने कहा कि जब शरीर फिट होता है, तो मन भी सकारात्मक सोचता है।
एसपी संकल्प शर्मा ने इसे एक “सकारात्मक प्रयोग” करार देते हुए कहा कि यह पहल बंदियों के जीवन में अनुशासन, ऊर्जा और नया दृष्टिकोण लाने का काम करेगी।
सेवा और संवेदना की ओर एक और कदम: गो आश्रय स्थल का निर्माण
जिला कारागार में डीएम की अगुवाई में एक गो आश्रय स्थल भी तैयार किया जा रहा है। इस कार्य की प्रगति का निरीक्षण डीएम और एसपी ने स्वयं किया। इसका उद्देश्य गौ संरक्षण के साथ-साथ बंदियों में सेवा, संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी का भाव जगाना है। गो सेवा के ज़रिए बंदियों में इंसानियत और करुणा की भावना का विकास किया जा रहा है।
अब जेल सिर्फ एक दंडस्थल नहीं, बल्कि बदलाव की पाठशाला बन रही है। ओपन जिम और गो आश्रय स्थल जैसे नवाचार बंदियों को बेहतर इंसान बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह पहल बताती है कि यदि सुधार की नीयत हो, तो दीवारों के भीतर भी नई राहें खुल सकती हैं।
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