पहलगाम आतंकियों पर चिदंबरम बोले – आतंकवादी पाक से आए हो जरूरी नहीं, घरेलू भी हो सकते हैं, बीजेपी ने घेरा

चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की, कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया

मुकेश कुमार  (क्राइम ऐडिटर इन चीफ)   नई दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद भारत की तरफ से किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर ‘ को लेकर संसद में व्यापक राजनीति विवाद छिढ़ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार इस ऑपरेशन से जुड़ी कई अहम जानकारी को जनता और विपक्ष से छिपा रही है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। उनकी पहचान की गई है या नहीं और क्या सरकार ने आतंकवादियों की वापसी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई की है। 

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चिदंबरम ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा है कि सरकार आतंकवादी हमले के बाद की कार्रवाई के बारे में पारदर्शिता नहीं दिख रही है। उन्होंने पूछा आतंकवादी कहां है क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया, अचानक खबर आई की कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया जो आतंकवादियों को आश्रय देते थे। लेकिन फिर क्या हुआ उन्होंने एनआईऐ की जांच रिपोर्ट को भी संदिग्ध बताया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह वास्तविक तथ्यों को जनता से छुपा रही है। चिदंबरम ने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं की आतंकवादी पाकिस्तान से आए हो हो सकता है वह घरेलू आतंकवादी हो। लेकिन सरकार इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे रही है।

चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की, कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी गंभीर घटना में पूर्ण जानकारी देना आवश्यक होता है। ताकि जनता का विश्वास बना रहे, साथ ही उन्होंने 2008 के मुंबई हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय जब वह गृहमंत्री थे उन्होंने पूरी जिम्मेदारी ली थी और खुले तौर पर खेद व्यक्त किया था। 

भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने चिदंबरम के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस हर बार पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई पर सवाल उठाती है और आतंकवादियों के पक्ष में बोलती है। उन्होंने कहा जब भी हमारी सेना पाकिस्तान समर्थीत आतंकवाद का सामना करती है कांग्रेस नेताओं की बात सुनकर लगता है कि यह पाकिस्तान के वकील हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद नेवी केंद्र सरकार से आतंकवादियों के लोकेशन की जानकारी मांगी। उन्होंने सवाल किया कि अगर आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे तो भारत की सीमाएं इतनी कमजोर कैसे हैं कि वह जाकर हमला कर सकते हैं। उन्होंने यह जानने का अधिकार मांगा की आतंकवादी कहां गए। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच जारी बहस ने संसद के मानसून सत्र को काफी तनावपूर्ण बना दिया है। कांग्रेस का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम तो उठाई जाने चाहिए लेकिन साथ ही पूरी पर्देशिता और जवाब दे ही भी होनी चाहिए।

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दूसरी और भाजपा विपक्ष के आरोपी को राजनीतिक ड्रामा बात कर खारिज कर रही है यह बहस न केवल आपोरेशन सिंदूर की वास्तविकता को लेकर है बल्कि देश के सुरक्षा नीति और सरकार के पारदर्शीता पर भी प्रश्न चिन्ह लगती है।