ज्येष्ठ मंगल पर तेजवापुर में भव्य संगीतमय सुंदरकांड व हवन यज्ञ, पूर्व मंत्री यासर शाह सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति
कलावती देवी स्मारक महाविद्यालय परिसर में हुए आयोजन में श्री हनुमान चालीसा, स्तोत्र पाठ, यज्ञ व आरती से गूंज उठा वातावरण
- ज्येष्ठ मंगल पर तेजवापुर में भव्य संगीतमय सुंदरकांड व हवन यज्ञ, पूर्व मंत्री यासर शाह सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति
- कलावती देवी स्मारक महाविद्यालय परिसर में हुए आयोजन में श्री हनुमान चालीसा, स्तोत्र पाठ, यज्ञ व आरती से गूंज उठा वातावरण
पुंडरीक पीके पांडेय : बहराइच। पावन ज्येष्ठ माह के प्रथम ज्येष्ठ मंगल को बहराइच जिला मुख्यालय से सटे तेजवापुर क्षेत्र के उत्तम नगर चौराहा स्थित कलावती देवी स्मारक महाविद्यालय में एक भव्य धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। सामूहिक सुंदरकांड, श्री हनुमान चालीसा, स्तोत्र पाठ, हवन-पूजन, यज्ञ और आरती के माध्यम से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

संगीतमय सुंदरकांड पाठ एवं श्री हनुमान चालीसा के इस सामूहिक आयोजन में क्षेत्र के गणमान्य जनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यजमान के रूप में संस्थान के प्रबंधक एवं पूर्व प्रमुख श्री विनोद त्रिपाठी जी सपत्नीक, त्रिपाठी बंधु श्री प्रमोद त्रिपाठी, श्री मनोज त्रिपाठी, मेडिकल प्रशिक्षु डॉ सौरभ त्रिपाठी, आध्यात्मिक शिक्षाविद पं. पुंडरीक पाण्डेय, लॉ फैकल्टी प्रभारी शिवाजी अवस्थी, पत्रकार अरविन्द पाठक तथा राकेश मौर्य उपस्थित रहे।
इस आध्यात्मिक अनुष्ठान के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री माननीय यासर शाह रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि मेजर डॉ एस. पी. सिंह (सचिव, प्रबंध समिति, KDC), वरिष्ठ अधिवक्ता श्री उत्तम सिंह, पं. रामसर्वज्ञ मिश्र, श्री रामजी यादव, श्री राजे मिर्जा, श्री अर्जुन गुप्ता, श्री मदन गोपाल अवस्थी, पं. अजय पाठक, सेवानिवृत्त फॉरेस्ट रेंजर श्री त्रिपुरारी पाण्डेय, श्री अनंत राम मिश्र, मानस पाण्डेय समेत अनेक प्रतिष्ठितजन मौजूद रहे।
कार्यक्रम में महाविद्यालय का समस्त स्टाफ, छात्र-छात्राएं, अभिभावकगण एवं क्षेत्र के सैकड़ों सुशिक्षित, धर्मनिष्ठ और समाजसेवी नागरिक सम्मिलित हुए। सभी ने सामूहिक प्रसाद ग्रहण कर आयोजन को सफल एवं सार्थक बनाया।
आध्यात्मिकता और संस्कृति का अद्भुत संगम
हवन-पूजन और संगीतमय पाठ के दौरान उपस्थित जनसमूह भक्ति भाव में डूबा रहा। पूरा परिसर धार्मिक ध्वनियों और मंत्रोच्चारण से गूंजता रहा, जिससे उपस्थित जनमानस में दिव्यता की अनुभूति हुई।