बाल श्रमिकों को शिक्षा से जोड़ रही योगी सरकार, “नया सवेरा” और “विद्या योजना” से मिल रहा सुनहरा भविष्य
बाल श्रम उन्मूलन के लिए चल रही बहुस्तरीय योजनाएं, 41285 बच्चों को स्कूलों में जोड़ा गया, 623 हॉटस्पॉट बाल श्रम मुक्त घोषित
- बाल श्रमिकों को शिक्षा से जोड़ रही योगी सरकार, “नया सवेरा” और “विद्या योजना” से मिल रहा सुनहरा भविष्य
- बाल श्रम उन्मूलन के लिए चल रही बहुस्तरीय योजनाएं, 41285 बच्चों को स्कूलों में जोड़ा गया, 623 हॉटस्पॉट बाल श्रम मुक्त घोषित
अजय पाठक : लखनऊ/बहराइच। उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल श्रम की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में बाल श्रमिकों को शिक्षा से जोड़ने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए योजनाएं सशक्त रूप से लागू की जा रही हैं।
बाल श्रमिक विद्या योजना से बच्चों को मिल रही आर्थिक सहायता
इसके साथ ही कक्षा 8 उत्तीर्ण करने पर ₹6000 की प्रोत्साहन राशि भी मिलती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना हेतु ₹3 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
बाल श्रम सर्वेक्षण योजना से जुटाए जा रहे आंकड़े
9-14 वर्ष की उम्र के खतरनाक कार्यों में लगे बच्चों की पहचान के लिए बाल श्रम सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसके लिए वर्ष 2024-25 में ₹5 लाख का आवंटन किया गया है, जिससे राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के अंतर्गत पुनर्वासन की कार्ययोजना बनेगी।
“नया सवेरा योजना” बनी बच्चों की नई सुबह
UNICEF के सहयोग से संचालित नया सवेरा योजना के तहत प्रदेश के 20 जिलों की 1197 ग्राम पंचायतों/वार्डों में 41285 बच्चों को चिन्हित किया गया, जिनमें से 33405 को स्कूल से जोड़ा गया।
इसके अलावा 14825 किशोरों को व्यवसायिक प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है। वहीं अब तक 623 ग्राम पंचायतों/वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा चुका है।
बंधुआ श्रम पुनर्वासन योजना से आज़ाद हुआ जीवन
भारत सरकार द्वारा संशोधित इस योजना में समरी ट्रायल के बाद बंधुआ श्रमिकों को ₹1 लाख से ₹3 लाख तक की पुनर्वासन सहायता दी जा रही है।
तत्काल सहायता के रूप में ₹30,000 की रकम सीधे श्रमिक को मिलती है। प्रत्येक जिले में ₹10 लाख की कार्पस निधि जिलाधिकारी के स्तर पर स्वीकृत की गई है।
सरकार की मंशा साफ: हर बच्चा पढ़े, आगे बढ़े
योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर बालक-बालिका को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और कोई भी बच्चा मजदूरी की बेड़ियों में जकड़ा न रहे।इसके लिए सख्ती से कानून भी लागू हो रहे हैं और योजनाएं भी जमीनी स्तर पर लागू की जा रही हैं।