भागलपुर में आस्था और परंपरा के साथ मनाया गया वट सावित्री पर्व

गायत्री मंदिर में महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर पति की दीर्घायु की कामना की, रानी कुमारी ने बताया पर्व का धार्मिक महत्व

  • भागलपुर में आस्था और परंपरा के साथ मनाया गया वट सावित्री पर्व
  • गायत्री मंदिर में महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर पति की दीर्घायु की कामना की, रानी कुमारी ने बताया पर्व का धार्मिक महत्व

रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर के इशाकचक स्थित गायत्री मंदिर परिसर में सोमवार को हिन्दू संस्कृति की महान परंपरा को समर्पित वट सावित्री पर्व श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विवाहित स्त्रियों ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की।

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Vat Savitri festival celebrated with faith and tradition in Bhagalpur
फोटो : रानी कुमारी

रानी कुमारी ने बताया कि यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, जो इस बार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ा। वट सावित्री व्रत की मूल कथा सत्यवान और सावित्री की है, जिसमें सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान को जीवनदान दिलाया था। उसी परंपरा को निभाते हुए महिलाएं व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं।

पूजन सामग्री में रंगे हुए बांस से बनी डलिया, पंखे, नारियल, केला, फल, पकवान आदि शामिल रहे। महिलाएं वटवृक्ष की परिक्रमा कर डलिया चढ़ाकर पंखे से पति को हवा देती हैं और उनके हाथों से जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण करती हैं।

पूरे कार्यक्रम में धार्मिक भावनाओं और स्त्री धर्म की गहराई देखने को मिली। यह पर्व न केवल पारिवारिक जीवन की एकता का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की आस्था और शक्ति को भी दर्शाता है।

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